मध्यप्रदेश- कांग्रेस पार्टी सूचना के अधिकार को अपनी पार्टी के क्रांतिकारी निर्णय के रूप में पेश करती है, लेकिन उसी कांग्रेस पार्टी की सरकार में मध्यप्रदेश में सूचना आयुक्त और मुख्य सूचना आयुक्त के नियुक्ति की अधिसूचना जारी होने के पहले ही विवादों में घिर गई है.
विपक्ष तो सवाल उठा ही रहा है, वहीं आरटीआई एक्टिविस्ट ने भी इस प्रक्रिया पर सवाल खड़े करते हुए राहुल गांधी से शिकायत करने और सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाने की बात कही है.
दरअसल, 17 फरवरी को मुख्य सूचना आयुक्त और सूचना आयुक्त की नियुक्ति को लेकर चयन समिति की बैठक हुई थी, इस बैठक को लेकर नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव ने चयन प्रक्रिया पर सवाल उठाते हुए विरोध किया था. वहीं इस मामले में आरटीआई एक्टिविस्ट भी एकजुट नजर आ रहे हैं.
सूचना का अधिकार आंदोलन के संयोजक अजय दुबे ने चयन प्रक्रिया में सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के उल्लंघन की बात कही है. उन्होंने कहा है कि बिना सर्च कमेटी बनाई सीधे चयन समिति की बैठक बुलाना सुप्रीम कोर्ट के निर्णय की अवमानना है.
सूचना के अधिकार आंदोलन के संयोजक अजय दुबे का कहना है कि मध्य प्रदेश के सूचना आयुक्त और मुख्य सूचना आयुक्त की नियुक्ति विवादास्पद है. इसमें सुप्रीम कोर्ट के आदेश और निर्देशों का उल्लंघन हुआ है, इसके खिलाफ कोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगे.
कुल मिलाकर सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि सर्च कमेटी गठित कर उम्मीदवारों को पहले शॉर्टलिस्ट करें और फिर चयन समिति की बैठक बुलाकर चयन करें लेकिन सरकार ने सर्च कमेटी नहीं बनाई और सीधे चयन समिति की बैठक आयोजित कर नियुक्ति की तैयारी कर ली है.अब इसको लेकर सियासत शुरू हो गयी है ….और कहीं न कही कांग्रेस इस विवाद में फसते हुए नजर आ रही है
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