भोपाल : मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनाव के मद्देनज़र सियासी सरगर्मिया बढ़ते ही चुनावी तैयारी भी तेज हो गई है…इस कड़ी में भाजपा ने कांग्रेस से एक कदम आगे बढ़ाते हुए अपने 91वे वर्तमान विधायकों और मंत्रियों को फिर मैदान में उतारने के लिए हरी झंडी दे दी है..और उन्हें पूरी ताकत से चुनाव प्रचार में जुट जाने की सलाह भी दी है …
मध्यप्रदेश में बन रहे बदलाव के माहौल के बीच भाजपा सुप्रीमो अमित शाह राजधानी भोपाल में तीन महीने के लिए डेरा डालने वाले..ऐसे में शाह की आहट से पहले बीजेपी ने मिशन 2018 का पहला फार्मूला निकाल लिया जो मध्यप्रदेश में चौथी बार भाजपा के लिए जीत के सरताज बनेंगे…..टिकट को लेकर भाजपा की पहली सूचि वायरल हो रही है जिसमे कई चौकाने वाले नाम सामने आ रहे है…बुधनी विधानसभा से मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान….दतिया से जनसम्पर्क मंत्री नरोत्तम मिश्रा….दमोह से जयंत मलैया…शाहपुरा से ओम प्रकाश धुर्वे….बुरहानपुर से मंत्री अर्चना चिटनीस…इंदौर विधानसभा चार से महापौर मालिनी लक्षमण सिंह गौड़…इंदौर विधानसभा दो से विधायक रमेश मेंदोला….विधानसभा एक से विधायक सुदर्शन गुप्ता.. पांच नंबर विधानसभा से विधायक महेंद्र हार्डिया.. धार से नीना विक्रम वर्मा…गोहद से लालसिंह आर्य..शिवपुरी से यशोधरा राजे सिंधिया…ग्वालियर पूर्व से मंत्री माया सिंह..देवास से गायत्री राजे पवार..उज्जैन उत्तर से पारस जैन….सहित कई नाम शामिल है….
सूत्रों की माने तो सीएम हाउस में हाल ही एक गुप्त बैठक हुई जिनमे इन नामों को हरी झंडी दी गई है… साथ ही रहली से गोपाल भार्गव, छतरपुर से ललिता यादव,रीवा से राजेंद्र शुक्ल,विजयराघवगढ़ से संजय पाठक…बालाघाट से गौरीशंकर बिसेन…नरसिंहपुर से जलम सिंह पटेल….होशंगाबाद से सीतासरण शर्मा…नरेला से विश्वास सारंग…हाटपिपलिया से दीपक जोशी……सेंधवा से अंतरसिंह आर्य…सहित कई और भी नेता है जिनके नाम पर मुहर लगी है….
बताया ये भी जा रहा है कि भाजपा और आरएसएस द्वारा किए गए एक सर्वे के आधार पर इन 91 नामों को हरी झंडी दी गई है….वही इन नामों के बीच भाजपा ने यह संकेत भी दिया है कि वर्तमान में कुछ मंत्रियों और विधायकों के टिकट कट भी सकते हैं।….इसका सबसे ज्यादा असर 70 पार के नेताओं पर पड़ने की पूरी-पूरी संभावना है….अटकलें है कि पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल गौर, सरताजसिंह, कुसुम मेहदले आदि वरिष्ठ नेताओं को या तो आराम की सलाह दी जा सकती है या फिर उन्हें संगठन में भी सम्मानित पद दिए जा सकते हैं…कुल मिलाकर उपचुनाव और नगरीय निकाय में हार का सामना करने के बाद भाजपा विधानसभा चुनाव की स्क्रिप्ट बहुत ही सोच समझकर लिख रही है..
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