भोपाल। भाजपा के नव नियुक्त प्रदेश अध्यक्ष राकेश सिंह ने संगठन की कमान मिलते ही सियासी सक्रियता दिखानी शुरू कर दी है. राकेश सिंह के लिए विधानसभा चुनाव बड़ी परीक्षा है जिसके लिए अब वे रणनीति तैयार करने में जुट गए है. उनके सामने सत्ता विरोधी माहौल के साथ पार्टी के भीतर की गुटबाजी जैसी बड़ी चुनौतियां हैं, जिनका उन्हें सामना करना होगा. पिछले दिनों हुए उपचुनाव में भाजपा की हार और एंटीइनकमबेंसी को लेकर राकेश सिंह ने कहा कि प्रदेश में कहीं कोई एंटीइनकमबेंसी नहीं है, जो उपचुनाव पार्टी ने हारे हैं, उन्हें एंटीइनकमबेंसी से जोड़कर नहीं देखा जा सकता है. क्योंकि जहां-जहां हम हारे, वे सीट कभी हमारे पास नहीं रही हैं.
मीडिया से चर्चा के दौरान राकेश सिंह ने कहा कि उपचुनाव में जहां हम हारे, वे कभी हमारी परम्परागत सीट नहीं रही हैं. चित्रकूट में सिर्फ एक बार हम जीते थे. वे कांग्रेस की ही सीटें थीं. हमने तो जीत का अंतर कम कर दिया. सिर्फ उपचुनाव हारने से एंटीइनकमबेंसी जैसी स्थिति होने का अनुमान लगा लेना ठीक नहीं है. वहां उपचुनाव में परिस्थितियां अलग थीं. वैसे भी लोकतंत्र में ऐसा कभी नहीं होता कि सारे चुनाव आप ही जीतें.
साथ ही साथ मिशन 2018 में उम्र के फॉर्मूले पर टिकट बांटने पर उन्होंने कहा कि उम्र का फार्मूला लागू होगा या नहीं, अभी तय नहीं है.
सभी वर्गों को साथ लेकर चलेंगे
2 अप्रैल को हुए उपद्रव और वर्ग संघर्ष के हालात देश के लिए ठीक नहीं हैं. हम सभी भारतीय हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पहले ही कह दिया था कि ‘सबका साथ सबका विकास” की नीति पर हम काम करेंगे. हम सभी वर्गों को साथ लेकर चलेंगे.
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