उपचुनाव 2020ः जो जीतेगा चंबल का दंगल, वही बनेगा एमपी का सिकंदर !

उपचुनाव 2020ः जो जीतेगा चंबल का दंगल, वही बनेगा एमपी का सिकंदर !
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ग्वालियर . प्रदेश में सत्ता खोने के बाद अब कांग्रेस पूरी ताकत के साथ उपचुनावों में उतरने जा रही है. मध्यप्रदेश की 28 सीटों पर विधानसभा उपचुनाव के प्रचार की कमान राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा और राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री सचिन पायलट को सौंपी गई है, उन्हें पार्टी ने स्टार प्रचारक बनाया है। दरअसल बीजेपी ने जहां अपनी चर्चित तिकड़ी शिवराज –सिंधिया और तोमक को मैदान में उतार रखा है। वहीं कांग्रेस कमलनाथ के मेगा शो के बाद बीजेपी के इस चर्चित तिकड़ी को टक्कर देने के लिए कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी और राजस्थान के दिग्गज युवा कांग्रेस नेता सचिन पायलट को मैदान में उतारने जा रही है।

प्रियंका अभी पड़ोसी उत्तर प्रदेश में योगी सरकार के खिलाफ आक्रमक अभियान छेड़ी हुईं हैं, कांग्रेस को लगता है कि चंबल की धरती पर उनके पैर रखते ही कांग्रेस के नेता और कार्यकर्ताओं में जबरदस्त उत्साह का संचार होगा।  वहीं ग्वालियर चंबल की इन 16 सीटों में से 9 सीटों पर गुर्जर मतदाता निर्णायक भूमिका में है। ऐसे में कमलनाथ चाहते हैं कि सचिन पायलट इस सीटों पर प्रचार के लिए उतरें। हालांकि पायलट को इस बारे में अब तक आलाकमान से औपचारिक निर्देश प्राप्त नहीं हुआ है। लेकिन कमलनाथ ने पायलट को अपने खेमें में लाने के लिए पूरा जोर लगा दिया है। ऐसे में चंबल के रण में दो घनिष्ठ दोस्तों के बीच निर्णायक सियासी जंग देखने को मिल सकती है।

वहीं भाजपा नेताओं ने कांग्रेस के इस फैसले पर तंज कसा है। चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग ने कांग्रेस द्वारा सचिन पायलट को एमपी में होने वाले उपचुनाव के लिए स्टार प्रचारक बनाए जाने पर  तंज कसते हुए कहा कि कांग्रेस हाईकमान ने मान लिया है कि मध्यप्रदेश में कमलनाथ दिग्विजय सिंह और अरुण यादव जैसे नेता नकारा हैं। यही वजह है कि एक नेता को राजस्थान से इंपोर्ट कर मध्यप्रदेश में लाया जा रहा है।  वहीं गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने भी कांग्रेस पर तंज कसते हुए कहा कि ये किसी को भी बुला सकते हैं और किसी को भी बुला कर रहे हैं लेकिन जनता समझ गई है कि इन तिलों में तेल नहीं है।

बता दें कि बीते दिनों जब सचिन पायलट कांग्रेस से नाराज चल रहे थे, उस वक्त माना जा रहा था कि ग्वालियर चंबल में उनकी नाराजगी का खामियजा कांग्रेस को उठाना पड़ सकता है। लेकिन बदली परिस्थितियों में अब जब पायलट वापस कांग्रेस के साथ आ गए हैं तो ऐसे में कमलनाथ उनका भरपूर फायदा उठाना चाहते हैं। अब ये देखना दिलचस्प होगा प्रियंका और पायलट की जोड़ी सिंधिया शिवराज और तोमर की तिकड़ी को उपचुनाव में कितना चुनौती दे पाती है।

 

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