भोपाल : सीएम शिवराज के चेहरे के दम पर भाजपा मिशन 2018 के रण में ताल ठोकने को तैयार है तो वही कांग्रेस में अभी मुख्यमंत्री के चेहरे की तस्वीर साफ नहीं हुई है. कांग्रेस नेताओं के साथ साथ समर्थकों में में भी सीएम के चेहरे को लेकर असमंजस की स्थिति बनी हुई है. आलम यह है कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को भी नहीं पता कि उनका मुकाबला किसके साथ होने वाला है.
दरअसल भोपाल में मीट द प्रेस के कार्यक्रम में सीएम शिवराज ने इत्मीनान से पत्रकारों के हर सवाल का जवाब दिया. विधानसभा चुनाव के मुकाबले के सवाल पर उन्होंने कहा कि- मुकाबले में कौन, सोचना पड़ेगा. जब प्रदेश के दौरे पर जाता हूं तो कहीं सिंधिया, कहीं भूरिया और कहीं कमलनाथ सरकार सुनने को मिलता है. उन्होंने चुटकी लेते हुए कहा कि कांग्रेस में तो अलग-अलग सरकार की बात हो रही है पर देखना पड़ेगा कि चुनाव में मुकाबला किस सरकार से होता है. साथ ही साथ केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और अपनी जोड़ी को लेकर उन्होंने कहा कि पद पर रहें या न रहें, तोमर-शिवराज की जोड़ी सलामत रहे.
गौरतलब है कि कांग्रेस में चेहरा प्रोजेक्ट करने की मांगें लगातार उठ रही है, लेकिन कांग्रेस के सीनियर लीडर परंपरा का हवाला देकर बगैर चेहरे के चुनाव लड़ने की बात कह रही है. सियासी गलियारों में सिंधिया की लोकप्रियता देखते हुए उन्हें प्रोजेक्ट करने की मांग जोरों पर है. वही सांसद कमलनाथ को भी सीएम उम्मीदवार बनाने की ख़बरों से चर्चाओं का बाजार गर्म है. अब ये देखना दिलचस्प होगा कि विधानसभा चुनाव में कांग्रेस किसपर दांव खेलती है.
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