भोपाल। कांग्रेस के सीनियर लीडर और प्रदेश की राजनीति के चाणक्य कहे जाने वाले दिग्विजय सिंह का पिछले 6 महीने से अलग रूप देखने मिल रहा है. राजनीति से दूर 6 महीने तक नर्मदा परिक्रमा करने वाले दिग्विजय सिंह अब जल्द ही राजनीतिक यात्रा शुरू करने वाले हैं.
खास बात ये है कि नर्मदा परिक्रमा के बाद अब दिग्विजय सिंह ने राजाराम की नगरी ओरछा से अपनी राजनीतिक यात्रा शुरू करने का फैसला लिया है. नर्मदा परिक्रमा पूरी तरह से व्यक्तिगत और निजी थी, लेकिन दिग्गी की ये यात्रा पूरी तरह से राजनीतिक होगी और इस यात्रा का नाम एकता यात्रा होगा. एकता यात्रा का उद्देश्य कांग्रेस से नाराज चल रहे और दूर हो चुके कांग्रेसियों को मनाना और पार्टी की सेवा में लगाना है.
ये यात्रा उन विधानसभा सीटों पर निकाली जाएगी जिन सीटों पर फिलहाल बीजेपी का कब्जा है और कांग्रेस में फूट या एकजुटता की कमी के कारण भाजपा को फायदा मिल रहा है. इस पूरी कवायद के पीछे उन सीटों को जीतने की कोशिश में देखा जा रहा है, जिन सीटों पर कांग्रेस अपनी ही कमी या नेताओं के मतभेद के कारण हार जाती है.
सूत्रों की माने तो इस यात्रा की कवायद मध्यप्रदेश की 230 सीटों में से करीब 165 सीटों पर कांग्रेस को मजबूत कर आगामी विधानसभा चुनाव में जीत सुनिश्चित करना और लोकसभा 2019 में ज्यादा से ज्यादा सीटें जीतना है. जहां तक इस यात्रा की शुरूआत की बात करें, तो इसके लिए दिग्विजय सिंह ने भगवान रामराजा के मंदिर ओरछा का चयन किया है.
दिग्विजय सिंह भगवाना रामराजा का आशीर्वाद लेकर अपने विश्वस्त साथी पूर्व मंत्री महेश जोशी और पूर्व सांसद रामेश्वर नीखरा के साथ ये यात्रा शुरू करेंगे. हालांकि अभी यात्रा की तारीख और समय तय नहीं हुआ है, लेकिन यात्रा की शुरूआत ओरछा से ही होगी, ये तय कर लिया गया है. राजनीतिक यात्रा होने के कारण इस यात्रा की जिम्मेदारी और कार्यक्रम तय करने का काम प्रदेश कांग्रेस कमेटी को सौंपा गया है।
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