भोपाल . मध्य प्रदेश के 16 नगर निगम में मेयर पद के लिए आरक्षण की प्रक्रिया संपन्न हो चुकी है। इसमें से आधे यानि 8 नगर निगमों में महापौर का पद महिलाओं के लिए आरक्षित किया गया है। इनमें एससी, एसटी, ओबीसी और सामान्य वर्ग सभी का कोटा शामिल है। इंदौर, जबलपुर में महापौर का पद अनारक्षित रहेगा। इस पर कोई भी चुनाव लड़ सकता है। तो वही राजधानी भोपाल में महापौर का पद पिछड़ा वर्ग की महिला प्रत्याशी के लिए आरक्षित कर दिया गया है। इसके अलावा पीसीसी चीफ कमलनाथ के गृह जिले छिंदवाड़ा को सामान्य से निकालकर एसटी के लिए रिजर्व कर दिया गया है।
वहीं छिंदवाड़ा को एसटी के लिए रिजर्व करने को लेकर कांग्रेस भड़क गई है। कांग्रेस को लगता है कि ये कमलनाथ को छिंदवाड़ा में कमजोर करने की कोशिश है, लिहाजा कांग्रेस ने पूरी प्रक्रिया पर ही सवाल उठा दिया। कांग्रेस के इस आरोप पर बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा ने पलटवार किया है। उन्होंने कमलनाथ को निशाने पर लेते हुए कहा कि कांग्रेस की आपत्ति ने उसके आदिवासी विरोधी चेहरे को उजागर कर दिया है। वहीं नगरीय प्रशासन मंत्री भूपेंद्र सिंह ने कांग्रेस के आरोप को निराधार बताते हुए कहा कि कांग्रेस नहीं चाहती कि आदिवासी समाज के लोग आगे बढ़ें। कुल मिलाकर मध्य प्रदेश में अब नगरीय निकाय चुनाव की तैयारी है। लेकिन फिलहाल राज्य निर्वाचन आयोग ने चुनाव की तारीख का ऐलान नहीं किया है। जल्द ही तारीखों के ऐलान की उम्मीद है।
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