भोपाल : शिवराज सरकार में दबंगो की दबंगाई इस कदर हावी है कि जनप्रतिनिधि को ही काम नहीं करने दिया जा रहा है. विधानसभा सत्र के दौरान यह हैरान करने वाला मामला सामने आया. मुरैना जिले की ग्राम पंचायत छिनवारा की सरपंच विधानसभा में अपनी गुहार लेकर पहुंची.
छिनवरा की दलित सरपंच शीला जाटव का आरोप है कि गांव में दबंगों की दंबगाई बढ़ गई है. वे मुझे दलित होने की वजह से काम नही करने दे रहे है. फर्जी दस्तखत कर पंचायत की राशि निकाल रहे है. इस पर मंत्री गोपाल भार्गव ने सरपंच को भरोसा दिलाते हुए कहा कि इसकी जांच की जाएगी. जांच के बाद यदि किसी ने अनाधिकृत राशि निकाली है तो उस पर एफआईआर और उसकी रिकवरी की जाएगी.
दरअसल, पहाडग़ढ़ के छिनवरा गांव में रहने वाली शीला जाटव ने चार साल पहले सरपंच का चुनाव जीता था, लेकिन दबंगो ने न केवल उनकी जीत का प्रमाण-पत्र अपने पास रख लिया बल्कि सरपंच के सील-सिक्के लेकर पंचायत का संचालन भी किया जा रहा था. मामला जब मीडिया में सामने आया तो कलेक्टर भास्कर लाक्षाकार के निर्देश पर एडीएम ने दबंगो से सील-सिक्के शीला को दिलवाए थे.
दंबगों की इस दंबगाई के चलते उन्होने बीते चार सालों में शासन से मिली राशि कहां खर्च की,अब इसका लेखा-जोखा उनके पास नहीं है. जिसको लेकर सरपंच ने मंगलवार को एक बार फिर कलेक्टर के समक्ष जांच की मांग की अभी तक हुए कार्यों की जांच कराई जाए और लेखा-जोखा सचिव व रामखन सिंह सिकरवार से लिया जाए.
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