नीमच : साहित्यकार एवं कवि बालकवि बैरागी को मनासा में अंतिम विदाई दी गई. शोक स्वरूप पूरा मनासा नगर बंद रहा. बड़ी संख्या में लोग उन्हें अंतिम विदाई देने पहुंचे थे. बालकवि बैरागी साहित्य और कविता के साथ राजनीति के क्षेत्र में भी सक्रिय रहे. वे राज्यसभा के सदस्य रहे. इस सरस्वती पुत्र को कई सम्मानों से नवाजा गया था. बैरागी का मनासा में भाटखेड़ी रोड पर कवि नगर पर निवास है. वहीं उन्होंने रविवार शाम 6 बजे अंतिम सांस ली थी.
बैरागी जी की गिनती कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं में होती थी. वे मध्यप्रदेश में अर्जुन सिंह सरकार में खाद्यमंत्री भी रहे. उन्हें मध्यप्रदेश सरकार के संस्कृति विभाग द्वारा कवि प्रदीप सम्मान भी प्रदान किया गया. साहित्य और राजनीति से जुड़े रहने के कारण उनकी कविताओं में साहित्य और राजनीति की झलक देखने को मिलती है.
बैरागी का जन्म 10 फरवरी 1931 को मनासा विकासखंड के रामपुरा में हुआ था. वे 1945 से कांग्रेस में सक्रिय रहे. 1967 में उन्होंने विधानसभा चुनाव में प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री सुंदरलाल पटवा को शिकस्त दी थी. 1969 से 1972 तक पं. श्यामाचरण शुक्ल के मंत्रिमंडल में राज्यमंत्री रहे.
1980 में मनासा से दोबारा विधायक निर्वाचित हुए. अर्जुनसिंह की सरकार में भी वे मंत्री रहे.
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