अशोकनगर कलेक्टर मामले में फिर घिरी शिवराज सरकार, जानिए

अशोकनगर कलेक्टर मामले में फिर घिरी शिवराज सरकार, जानिए
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भोपाल :  एमपी अजब है सबसे गजब है, जी हां प्रदेश सरकार के फैसले पर यह स्लोगन बिलकुल फिट बैठता है. सरकार इन दिनों अजब गज़ब फैसले लेकर न सिर्फ हैरान कर रही है बल्कि नए विवाद को भी हवा दे रही है. दरअसल मुंगावली कोलारस उपचुनाव के दौरान मतदाता सूचि में गड़बड़ी के खुलासे के बाद हटाए गए अशोकनगर कलेक्टर बीएस जामौद वापस अशोकनगर का कलेक्टर बनाए जाने पर फिर से विवाद खड़ा हो गया है. उपचुनाव के दौरान मतदाता सूचि में गड़बड़ी सामने आने के बाद कांग्रेस की शकायत पर चुनाव आयोग ने जामौद को हटा दिया था, लेकिन चुनाव के बाद राज्य सरकार ने फिर से जामौद को अशोकनगर में पदस्थ कर दिया. इस मामले में वरिष्ठ आरटीआई एक्टिविस्ट और पूर्व आईएफएस अधिकारी ने आपत्ति जताई है और सुप्रीम कोर्ट और चुनाव आयोग के निर्देशों की अवमानना बताया है.

बता दे कि मध्यप्रदेश सरकार ने आईएएस बीएस जामोद को दोबारा अशोकनगर कलेक्टर के तौर पदस्थ करने के आदेश के जारी किये थे जिसके बाद जामोद ने सोमवार को अशोकनगर पहुंचकर कार्यभार भी संभाल लिया है. आरटीआई कार्यकर्त्ता अजय दुबे और रिटायर आईएफएस अफसर आजाद सिंह डबास ने सरकार के इस फैसले पर आपत्ति जताई है.

दुबे का कहना है कि वे दिल्ली में चुनाव आयोग को इसकी शिकायत करेंगे और कोर्ट में सरकार के इस आदेश को चुनौती देंगे. उनका कहना है कि आईएएस जामोद को मतदाता सूची में गड़बड़ी सामने आने के बाद चुनाव आयोग के निर्देश पर हटाया गया था, उन्हें इस गड़बड़ी के लिए जिम्मेदार माना गया था. चुनाव के कुछ ही दिनों बाद दागी अधिकारी को वापस उसी जिले की कमान सौंपना सुप्रीम कोर्ट और चुनाव आयोग के आदेश का उल्लंघन और अवमानना है.

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