इंदौर- प्रदेश के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल एम वाय में अब गरीब मरीजों के परिजनों को आभाव में नहीं रहना पड़ेगा. जी हां संभागायुक्त आकाश त्रिपाठी न सिर्फ ऐसे परिजनों के रुकने की व्यवस्था सुनिश्चत कराने जा रहे है बल्की उन्हे नाममात्र के शुल्क पर भोजन की भी व्यवस्था भी देने का प्लान बनाया है.
एमजीएम कॉलेज की कार्यपरिषद स्वशासी संस्था के अध्यक्ष संभागायुक्त आकाश त्रिपाठी की अध्यक्षता में एमवाय अस्पताल के असली कायाकल्प का काम जारी है. त्रिपाठी के प्रयासों में मरीजों के हितो में कई काम शुरू किए गए है और लगातार एमवाय की व्यवस्था सुधारी जा रही है. लेकिन अब त्रिपाठी ने एक ऐसे पहलू को छुआ है जिसे अब तक नजरअंदाज किया गया था. दरअसल गरीब मरीजों और शहर से बाहर से आने वाले मरीजों के साथ उनके परिजन सबसे ज्यादा कष्ट भोगते है. जिसे नजर में रखते हुए अब संभागायुक्त उनके रहने और खाने की व्यवस्था नाममात्र के खर्च पर करने की योजना बना रहे है. संभागायुक्त ने इस मामले मे खजराना अन्नक्षेत्र से की जाने वाली भोजन की व्यवस्था में मरीज के अटेंडेंट के लिए सिर्फ 10 रूपए में भोजन उपलब्ध कराने की बात कही है.
संभागायुक्त त्रिपाठी ने मरीजो के रहने के लिए फिलहाल जारी अस्थाई व्यवस्था को बेहतर करने के साथ ही आगे के लिए अटेंडेंट गेस्ट हाउस के निर्माण के लिए 300 से 500 लोगों के क्षमता का प्लान बनाने के लिए हाउसिंग बोर्ड इन्दौर को निर्देश दिए.
आपको बता दे कि संभागायुक्त त्रिपाठी ने परिजनों के हित में ही अस्पताल में जाने को लेकर होने वाले विवाद को खत्म करने के लिए अटेंडेंट पास के प्रस्तावित प्रारुप यथा दो पास फ्री तथा उसके बाद के प्रत्येक पास के लिए 20 रूपये निर्धारित किए. यह मात्र एक दिवस के लिए ही वैध रहेगा. वहीं पास पर प्रवेश की व्यवस्था उन्होने एक सितंबर 2019 से लागू किए जाने के निर्देश दिए है.
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