इंदौर | इंदौर कलेक्टर कार्यालय में एक बार फिर जनसुनवाई का स्वरुप बदल गया है.. अब बदले हुए स्वरुप में पुरानी व्यवस्था के तहत एसडीएम और अन्य विभाग के अधिकारी भी सुनवाई के लिए बैठने लगे है, तो वही अब से ग्राम पंचायत स्तर पर जनसुनवाई की व्यवस्था की जाएगी.
दरअसल,तत्कालीन कलेक्टर आकाश त्रिपाठी और पी नरहरि के दौरान होने वाली जनसुनवाई में सभी विभागों के अधिकारीयों से साथ ही सभी एसडीएम भी जनसुवाई कक्ष में लोगों की समस्या सुनते थे.. इस व्यवस्था के तहत कई लोगों की समस्या का निरकारण हाथों हाथ ही हो जाता था… लेकिन निशांत वरवड़े ने पद सँभालने के बाद इस व्यस्था को बदल कर सभी अधिकारीयों को अपने अपने कार्यालय में ही सुनवाई करने की व्यवस्था की थी…. कलेक्टर निशांत वरवड़े सिर्फ दो एडीएम को साथ लेकर सुनवाई के लिए बैठते थे.. लेकिन नवागत कलेक्टर लोकेश जाटव ने पुरानी व्यवस्था को पुनः लागू करते हुए मंगलवार से जनसुनवाई की शुरुआत की… जिसके चलते कई शिकायतकर्ताओं को सीधे सम्बंधित अधिकारी से सुनवाई के दौरान ही बात करने का मौका मिल गया…
वही जिला पंचायत CEO नेहा मीणा नें बताया की अब से जनसुनवाई की शुरुवात ग्रामीण स्तर पर शुरू की जाएगी ..जिससे ग्रामीण लोगो गांव से इतना दूर ना आना पडे .इस ग्राम सुनवाई में समस्त सचिवों को ,समस्त ग्राम रोजगार सहायको को बैठना अनिवार्य होगी,जो हर मंगलवार को किया जायेगा जिसे ऑनलाइन पोर्टल पर भी अपडेट किया जायेगा,जिसका निराकरण 15 दिनों के भीतर करना अनिवार्य होगा …
कुल मिलाकर नवागत कलेक्टर लोकेश कुमार जाटव नें अपनी कुशल प्रशासनिक सूझबूझ के चलते कई महत्त्व पूर्ण निर्णय लिए है जिनमे ग्रामीण स्तर पर जनसुनवाई की जाएगी यह सबको चौकाने वाला है .बहरहाल देखना बड़ा दिलचल्प होगा किस प्रकार इसका क्रियान्वन किया जायेगा ..
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