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MP news: सीहोर विधानसभा का सियासी गणित, मजबूत हुई कांग्रेस के सामने BJP की खास रणनीति

(सीहोर से कमल पांचाल की रिपोर्ट)

मध्यप्रदेश की 230 सीटों पर महज कुछ माह बाद होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए दोनों दलों ने कमर कस ली है। एक तरफ जहां भाजपा सत्ता में बने रहने के लिए तगडी तैयारी के साथ मैदान में उतर चुकी है, तो वहीं कांग्रेस पुरानी गलतियों से सबक लेकर सत्ता में आने के लिए आश्वस्त नजर आ रही है। लिहाजा कांग्रेस की नजर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के गृह जिले सीहोर की सबसे हाई प्रोफाइल सीट सीहोर विधानसभा पर जीत का परचम लहराने की है, और इसको लेकर कांग्रेस इस बार किसी भी प्रकार की गलती करने के मूड में दिखाई नहीं दे रही है और तमाम कार्यक्रमों, बैठकों में कांग्रेस एकजुटता का सन्देश दे रही है.

वहीं दूसरी और भाजपा के सामने अपनी जीत बरकरार रखने की बड़ी चुनौती है, और इस बार भाजपा के लिए यह विधानसभा को फतह करने की राह आसान नहीं दिखाई पडती है, और इसकी एक बानगी बीते त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में सीहोर विधानसभा अंतर्गत तीनों जिला पंचायत सीटों के आये नतीजों में नजर आई है, जहां सीहोर की तीनों जिला पंचायत सीटों पर कांग्रेस समर्थित प्रत्याशीयों ने भाजपा समर्थित प्रत्याशीयों को पटखनी देकर सीधा सन्देश दिया था की इस बार विधानसभा फतह करना आसान नहीं!

लिहाजा यह बात भाजपा में बैठे राजनीती के जानकारों और संगठन की बागडोर संभाल रहे पदाधिकारी भी भलीभांति जानते हैं, इसलिए किसी भी क़ीमत पर भाजपा अपनी इस सीट को गवाना नहीं चाहती है। इसलिए सीहोर विधानसभा में मजबूत हुई कांग्रेस के सामने भाजपा विशेष रणनीति के तहत काम कर रही है, और कोई बड़ी बात नहीं होगी यदि आगामी दिनों में भाजपा सीहोर विधानसभा पर जीत बनाये रखने के लिए चौकाने वाले बड़े फैसले भी कर सकती है। खैर यह समय की गर्त है, फिलहाल भाजपा और कांग्रेस में टिकट को लेकर जो दावेदार चर्चा में है उनको लेकर राजनीती के जानकर हार जीत के समीकरण बना रहे है.

सुदेश बाहुबली लेकिन सनी की लोकप्रियता भी कम नहीं

भाजपा के लिए जिले की चारों विधानसभा में से सीहोर विधानसभा के वर्तमान विधायक सुदेश राय एक मात्र ऐसे विधायक हैं, जो इस समय सेफ जोन में नजर आ रहे हैं, जिनको भाजपा के टिकट दोबारा सुदेश को तीसरी बार चुनाव लड़ते हुए आप देख सकते हैं. गौरतलब है की, बीते कुछ वर्षों से विधायक सुदेश राय जिले की राजनीती में एक बाहुबली भाजपा नेता के रूप में उभर कर आये है, जिन्होंने आरोप प्रत्यारोप की राजनीती से दूर रहकर सकारात्मक राजनीती कर अपने पैर जमाये है, जिन्होंने स्वच्छ राजनीती के चलते जनता में अलग पेठ बनाई है। वहीं सुदेश राय की कॉर्पोरेट विधायको में भी गिनती होती है, जिनका सीहोर सहित प्रदेश में बड़े बड़े बिजनेस है, जो सुदेश राय को बड़ी शख्सियत बनाता है.

वहीं भाजपा में दूसरा नाम सनी महाजन का आता है, जिनकी राजनीती के तरीके और सरल, सहज विनम्र स्वभाव के चलते सीहोर की जनता सनी महाजन की कायल है, और हालत ऐसे है की सनी निर्दलीय ही चुनाव लड़कर दोनों पार्टियों की नाक में दम कर चुके है, वैसे सनी महाजन पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती के खासे करीबी बताये जाते हैं। वहीं सनी महाजन के साथ सीहोर विधानसभा क्षेत्र की जनता की सहानुभूति जुडी हुई रहती है और यदि सनी को इस बार भाजपा से मौका मिलता है तो यह भाजपा को जीत दर्ज करने में कोई मुश्किल नहीं होगी.

यदि विश्वनीय सूत्रों या राजनीती के जानकारों की माने तो भाजपा सुदेश राय की जगह इस बार सनी को चुनाव लड़ा दे तो कोई चौकाने बात नहीं होगी. फिलहाल, ऐसा होता हुआ नहीं दिखाई दे रहा है यह सिर्फ राजनीतीक कयास है. वहीं तीसरा नाम भाजपा के कद्दावर नेताओं में शामिल पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष जसपाल अरोरा का है, जो सीहोर की राजनीती में उन नेताओं में शामिल में है, जो अपने दम पर परिणाम बदलने का मादा रखते है, और बीते दिनों सीहोर मुख्यालय पर अपने समर्थन में बड़ी संख्या में मौजूद लोगों के साथ शक्ति प्रदर्शन के जरिये भाजपा से टिकट की मांग की है।

अब बात भाजपा में उस चौथे चेहरे की जो कम समय में जिले की राजनीती में युवाओं में खासा लोकप्रिय हो चुका है। जी हां, बात की जा रही है सीहोर नगरपालिका अध्यक्ष प्रिंस राठौर की, जो वर्तमान दौर में युवाओं को आकर्षित कर सकते है और निर्विरोध सीहोर नपा के अध्यक्ष बनकर अपनी राजनीतीक काबिलियत बता चुके है।

कांग्रेस में इन नामों पर मचा घमासान

अब बात कांग्रेस के उन चेहरों की जो इस बार विधानसभा चुनाव में कांग्रेस का परचम लहरा सकते हैं। पहला नाम कांग्रेस के कद्दावर और बाहुबली नेता चार बार के पूर्व विधायक रमेश सक्सेना के बेटे शशांक सक्सेना का है, जो अपने पिता की राजनीतीक विरासत को सँभालते हुए उनके ही नक़्शे कदम पर चल रहे हैं। शशांक में सीहोर की जनता उनके पिता रमेश सक्सेना की छवि देखती है इसी के चलते शंशाक भी क्षेत्र की जनता के सुख दुख में शामिल हो रहे है और अपने युवा कार्यकर्ताओं को साधने में जूटे है वही शंशाक लम्बे समय से ग्रामीण इलाकों में जनता से सीधा जुड़कर संवाद कर रहे है।

दूसरा नाम आष्टा के छोटे से गांव के किसान पुत्र हरपाल ठाकुर का आता है, जो इस समय जिले की राजनीती में चमकते हुए सितारे की भांति अपने बलबुते राजनीती में लोहा मनवा रहे है। हरपाल ठाकुर, पूर्व मंत्री सज्जन वर्मा के खासे करीबी और राहुल गाँधी टीम के सदस्य है, जो अपनी युवा ऊर्जावान सोच से सीहोर के विकास का सपना देखते है।

इन दोनों के इलावा कांग्रेस में युवक कांग्रेस के पूर्व जिलाध्यक्ष राजीव गुजराती का नाम चर्चाओ में है, और यह भी कांग्रेस के टिकट से चुनाव लड़ने का सपना देख रहे है राजीव सीहोर नगरपालिका के पार्षद भी है। इन सब से जुदा फिलहाल तो सीहोर में भाजपा के सुदेश राय और कांग्रेस के शंशाक सक्सेना के बीच कड़ा मुकाबला होता हुआ दिखाई दे रहा है।

टेंशन वाली बात है की, सुदेश राय बाहुबली हैं। लेकिन सनी की लोकप्रियता भी कम नहीं है। खैर यह समय की गर्त में है दोनों दल किसे मैदान में उतराते है. लेकिन इस बार सीहोर विधानसभा चुनाव में रोचक और कांटे की टक्कर देखने को मिलेगी जिससे आने वाले भविष्य में जिले की राजनीती में चमकते हुए सितारों का उदय होता हुआ दिखाई देता है.

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