गुना :- मध्यप्रदेश की कई ग्रामीण इलाको में कुपोषित बच्चों की खासी तादाद देखी जा रही है. ताजा मामला गुना में देखने को मिला जहां 2.80% से अधिक बच्चे कुपोषण की श्रेणी में आते हैं.वहीँ लगभग 2500 से ज्यादा बच्चे अतिकुपोषित है.लिहाजा इनके बेहतर स्वास्थ के लिए पोषण पुनर्वास केंद्र लबालब भरा रहता है.
गुना जिले में विशेषकर आदिवासी और मुस्लिम समुदाय के बीच सर्वाधिक कुपोषित बच्चे पाए गए हैं. ताजा जानकारी और सूत्रों के अनुसार जिले कुपोषण में हालत पर नजर डाले तो जिले में 2.80 प्रतिशत बच्चे कुपोषण की श्रेणी में आते हैं. वहीँ लगभग 2500 से ज्यादा बच्चे अतिकुपोषित हैं. ये आंकड़े तो बेहद चौकाने वाले हैं ही लेकिन ये तब सोचने को मजबूर कर देते हैं जब इस जिले की ही महिला मध्य प्रदेश सरकार में महिला बाल विकास मंत्री हो. लिहाजा फिर भी गुना के हालत इस तरह से हैं. बता दें कि कुपोषण के चलते बच्चों की कद काठी एवं मानसिक विकास पर असर पड़ने लगा है.ये तस्वीरें जो स्क्रीन पर दिखाई दे रही है. वह गुना के जिला अस्पताल की है. जहां कुपोषण पीड़ित बच्चों इलाज और पोषण किया जाता है. लेकिन आपको जानकार हैरानी होगी इस पुनर्वास केंद्र की क्षमता 140 है लेकिन यह केंद्र मरीजों से लबालब भरा रहता है.अपनी कुपोषित बच्ची का इलाज करवा रही एक महिला ने मीडिया को बताया कि वह पिछले दो महीनो से भर्ती है और इलाज अभी तक चल रहा है.
कुल मिलाकर प्रदेश सरकार के आदेश पर महिला बाल विकास विभाग द्वारा समय-समय पर कुपोषण की रोकथाम के लिए जागरूकता अभियान तो चलाये जाते हैं लेकिन ये प्रदेश में पूरी तरह कारागार साबित नहीं हो रहे हैं. जिसके चलते जिला अस्पताल में कुपोषण निवरण केंद्र में भारी संख्या में पीड़ित बच्चे दिखाई दे रहे है.
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