इंदौर : साधु संतों को मिनिस्टर बनाकर शिवराज सरकार बुरी तरह घिर गई है. विपक्षी दल और संत समुदाय के बाद अब समाजसेविका और नर्मदा बचाओ आंदोलन नेत्री मेधा पाटकर ने भी हमला बोलै है. मेधा पाटकर ने मंत्री बने बाबाओं की योग्यता पर सवाल उठाते हुए कहा कि कि जिन बाबाओं को यह तक नहीं पता कि केचमेंट एरिया क्या होता है और पुनर्वास योजना किसे कहते हैं सरकार ने उन्हें राज्यमंत्री का दर्जा दे दिया. अब इन बाबाओं से पूछा जाना चाहिए कि उन्होंने सरकार पर जो आरोप लगाए थे उनका क्या हुआ. क्या राज्यमंत्री का दर्जा मिलने के बाद उनका समाधान हो गया.
मेधा पाटकर ने यह बात इंदौर में मीडिया से चर्चा के दौरान कही. उन्होंने शिवराज सरकार को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि नर्मदा सेवा योजना के नाम पर दो हजार करोड़ खर्च करने के बावजूद जब कुछ नहीं हुआ तो सरकार ने बाबाओं का सहारा ले लिया. उन्होंने कंप्यूटर बाबा का नाम लेते हुआ कहा कि उनसे पूछा जाना चाहिए कि जो आरोप वो सरकार पर लगा रहे थे उनका क्या हुआ. क्या उनका समाधान हो गया.
पाटकर ने चुटकी लेते हुए कहा कि ऐसा ही रहा तो अगली राज्यसभा में साधुओं की भरमार हो जाएगी. जिन बाबाओं को यह नहीं पता कि नर्मदा कैसे बचाई जा सकती है उन्हें सरकार ने राज्यमंत्रा का दर्जा देकर नर्मदा बचाने की जिम्मेदारी सौंप दी. यह जनता के साथ धोखा है. मुख्यमंत्री को अपने फैसले पर दोबारा विचार करना चाहिए.
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