भोपाल | कमलनाथ सरकार द्वारा 36 सौ करोड़ का कर्ज लेने को लेकर विपक्ष द्वारा कई तरह के सवाल उठाए जा रहे है..वही खेल एवं शिक्षा मंत्री जीतू पटवारी ने बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा कि हमारा उद्देश्य वचनपत्र के वादों को निभाना है.
घोषणा पत्र या कहें कांग्रेस के वचन पत्र में दिए किसान कर्ज माफी के वचन को पूरा करने अब कांग्रेस खुद कर्ज में डूबती जा रही है. डेढ़ महीने की कांग्रेस सरकार में ये तीसरा मौका है जब सरकार ब्याज पर पैसा उठा रही है, जिसे वेतन भत्तों के साथ ही कर्ज माफी से जुड़े कामों में इस्तेमाल किया जाएगा. वित्त विभाग ने इसे लेकर अपनी मंजूरी भी दे दी है. दरअसल, कर्ज को लेकर चालू वित्त वर्ष की बात करें तो अब नए कर्ज को मिलाकर दोनों सरकारों का कर्ज 14 हजार करोड़ हो जाएगा. जिसमें शिवराज सरकार का 10 हजार 400 करोड़ रुपये और कांग्रेस सरकार के इन तीन कर्जों का 3600 करोड़ शामिल है.
वही खेल एवं शिक्षा मंत्री जीतू पटवारी ने कहा कि अर्थव्यवस्था के नियम-कायदों के हिसाब से कर्ज लेना चलता रहेगा, लेकिन हमारी प्राथमिकता प्रदेश की जनता की सेवा करना है. सरकार की प्राथमिकता है अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ करना और रोजगार को लेकर विश्वभर से जो संसाधन मिल सकते हैं, उसे मध्यप्रदेश की सेवा में लगाना. साथ ही मप्र में कृषि से जुड़े उद्योग स्थापित करना, ताकि रोजगार बढ़ सके.
कुल मिलाकर किसानों का कर्ज माफ करने के चक्कर में खुद कमलनाथ सरकार कर्ज में डूबते जा रही है.
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