इंदौर : कहते है जब हौंसले बुलंद हो तो इंसान अपनी कमियां और परेशानियों को ताकत बनाकर सफलता की मिसाल पेश कर देता है. ऐसा ही कुछ कर दिखाया है इंदौर की डिंपल कुमावत ने. जी हाँ कक्षा 12वीं में पढ़ने वाली डिंपल ने कई मुश्किलों को मात देते हुए टॉप टेन में जगह बनाई.
पिंक फ्लॉवर स्कूल स्कूल में पढ़ने वाली डिंपल के घर की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है. वह सुबह सात से बारह बजे तक स्कूल जाती और दोपहर एक से रात साढ़े नौ बजे तक गारमेंट की दुकान पर सेल्सगर्ल का काम किया. काम से फ्री होने के बाद रात 11 से 2 बजे तक होमवर्क. पढ़ाई के साथ परिवार में आर्थिक संघर्षों का दबाव.
इन सबके बीच उसने सफलता का एक सपना देखा जिसे मेहनत, ईमानदारी और समर्पण से पूरा कर दिखाया. एमपी बोर्ड परीक्षा के नतीजों में डिंपल मेरिट लिस्ट में टॉप टेन में आई. डिंपल की माँ दृष्टिबाधित मां है और पिता दर्जी का काम करते है.
डिंपल दो साल से घर खर्च और पढ़ाई के पैसे जुटाने के लिए नौकरी कर रही है. डिंपल ने बताया उसे मेरिट की उम्मीद थी, लेकिन प्रदेश की प्रावीण्य सूची में आने की कल्पना नहीं की थी. बिना कोचिंग यह मुकाम पाने वाली डिंपल कलेक्टर बनना चाहती है.
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