भोपाल : प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष बनने की चल रही अटकलों को आज राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी ने विराम लगा दिया। विधानसभा चुनाव से सात महीने पहले प्रदेश कांग्रेस की कमान पूर्व केंद्रीय मंत्री कमलनाथ को सौंप दी है। प्रदेश में गुजरात कांग्रेस का भी फार्मूला भी लागू किया गया है। इसके तहत चार नेताओं को कार्यकारी अध्यक्ष भी बनाया गया है। साथ ही पूर्व केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया को चुनाव कैंपेन कमेटी का चेयरमेन बनाया गया है। इसके साथ ही यह साफ कर दिया गया है कि प्रदेश में किसी एक चेहरे के दम पर पार्टी चुनाव नहीं लड़ेगी।
छिंदवाड़ा से नौ बार के सांसद कमलनाथ को जहां प्रदेश कांग्रेस की कमान सौंपी गई हैं। वहीं सक्रीय युवा विधायक जीतू पटवारी, वरिष्ठ विधायक बाला बच्चन, रामनिवास रावत और अनूसूचित जाति विभाग के अध्यक्ष सुरेंद्र चौधरी को कार्यकारी अध्यक्ष बनाया गया है।
कमलनाथ और सिंधिया को महत्वपूर्ण जिम्मेदारी देकर पार्टी हाइकमान ने इस बात के साफ संकेत दिए है कि नेताओं को समन्वय बनाकर विधानसभा चुनाव लड़ना होगा और मुख्यमंत्री के बारे में फैसला चुनाव परिणाम आने के बाद किया जाएगा।
कुल मिलकर कांग्रेस हाईकमान ने प्रदेश में नई नियुक्तियों में चुनावों को देखते हुए न सिर्फ जातिगत समीकरणों को पूरी तरह साधने की कोशिश की है बल्कि हर अंचल को भी प्रतिनिधित्व देने का प्रयास किया है। चार कार्यकारी अध्यक्षों में अनुसूचित जाति, जनजाति और पिछड़े वर्ग के नेताओं को तवज्जो दी गई है। वहीं मालवा, निमाड़, ग्वालियर-चंबल और बुंदेलखंड को प्रतिनिधित्व दिया है। अनुसूचित जनजाति वर्ग से ताल्लुक रखने वाले बाला बच्चन निमाड़ से आते हैं। उन्हें कार्यकारी अध्यक्ष बनाकर उनकी नाराजगी को दूर करने का प्रयास किया गया है।
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