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MP news: शपथ समारोह का खर्च बकाया, लेनदार के नाम से प्रशासन ने सरकार को लिखा पत्र

अभी तक तो सुना था कि खाया- पिया कुछ नहीं, गिलास तोड़ा बारह आना, लेकिन, MP में खाए-पिए खिसके वाली कहावत चरितार्थ हो रही है। मामला सरकारों के शपथ लेने से जुड़ा है, एक, दो नहीं तीन- तीन सरकारों ने अपना कार्यकाल तक पूरा कर लिया, मगर अपने शानदार शपथ समारोहों के बिल चुकाने की याद किसी को नहीं आई।

मध्यप्रदेश विधानसभा चुनावों की वोटिंग का रिजल्ट 3 दिसंबर को आ जाएगा। जिस भी पार्टी को बहुमत मिलेगा, उसके विधायक दल का नेता बतौर सीएम अपने मंत्रिमंडल के साथ शपथ लेगा. दरअसल समारोह के बीच शपथ के बाद सब अपने-अपने रास्ते बचता है तो टेंट, लाइट, माइक और मंच समेटने वाला, जिसकी सुध पिछले 15 साल से न तो सरकार बहादुर ले रहे हैं और न ही प्रशासन। साल 2008, 2013 और 2018 के शपथ समारोह की विद्युत सज्जा और अन्य सजावट के खर्च का भुगतान अभी तक नहीं हो पाया है। इन तीनों शपथ समारोहों की साज-सज्जा के 77 लाख 28 हजार 58 रुपए अभी भी बकाया हैं। इस काम का जिम्मा उठाने वाली कंपनी आकाश रेडियो कंपनी हर स्तर पर अपनी अर्जी लगा चुकी है, मगर हुआ अब तक कुछ नहीं।

कलेक्टर कार्यालय भोपाल की ओर से मप्र सामान्य प्रशासन विभाग को लिखे गए पत्र में खुलासा हुआ है कि 2008 में मुख्यंमंत्री के शपथ समारोह में 26 लाख 65, 952 रुपए की साज सज्जा की गई. वहीं 2013 में मुख्यमंत्री के शपथ समारोह में 25 लाख 78 हजार 619 रुपए साज सज्जा का बिल बना। 2018 में सीएम के शपथ समारोह का विद्युत और अन्य साज सज्जा का बिल 24 लाख 83 हजार 488 रुपए था। तीनों शपथ समारोह की साज सज्जा की कुल राशि 77 लाख 28 हजार 58 रुपए होती है।

अब जबकि चौथी बार सरकार शपथ लेने जा रही है, तब प्रशासन ने पुरानी फाइलें खंगाली तो पूरा मामला उजागर हुआ कि खाए-पिए खिसके वाला काम हुआ है। आखिर अपर कलेक्टर भोपाल ने इस मामले को संज्ञान में लिया और आकाश रेडियोज के भुगतान का पत्र लिखा।

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