भोपाल : चमगादड़ों से तेजी से फैल रहे वायरस पर मध्य प्रदेश सरकार अलर्ट मोड पर आ गई है. चमगादड़ों से केरल में फैले निपाह वायरस के बाद मप्र में पशु विभाग ने अलर्ट जारी किया है. एमपी के मंत्री अंतर सिंह आर्य ने कहा कि चमगादड़ के रहवास इलाकों में खास निगरानी रखी जाएगी और यदि कोई चमगादड़ की मौत होती है तो उसे तत्काल डिस्पोज किया जाएगा.
वहीं, दूसरी ओर पशुपालन विभाग ने घोड़ों में ग्लैंडर्स नाम की बीमारी फैलने पर बाहरी राज्यों से घोड़ों की खरीदी पर रोक लगा दी है. बिना हेल्थ चेकअप के घोड़ों की खरीद फरोख्त नहीं होगी.
बता दें कि केरल के कोझीकोड में इन दिनों निपाह नामक खतरनाक वायरस का आतंक है. यह वायरस वहां लगातार फैल रहा है. कोझिकोड़ में ‘रहस्यमयी बुखार’ के चलते बीते 18 दिनों में एक ही परिवार के तीन लोगों समेत कुल नौ मौतों के बाद इलाके में दहशत का माहौल है. पुणे स्थित नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरलॉजी (NIV) ने इसके पीछे ‘निपाह’ नाम के वायरस को जिम्मेदार बताया है.
इस वायरस से फैलने वाली बीमारी अलग-अलग समय पर दुनिया में तबाही मचा चुकी है. नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी, पुणे ने तीन नमूनों में निपाह वायरस की मौजूदगी पाई है. ये वायरस संक्रामक तौर पर महामारी का रूप ले सकता है. विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार, निपाह वायरस (NiV) एक नई उभरती हुई बीमारी है, जो जानवरों और मनुष्यों दोनों में गंभीर बीमारी की वजह बनता है. इसे ‘निपाह वायरस एन्सेफलाइटिस’ भी कहा जाता है.
जाने कुछ जरुरी बातें-
-निपाह वायरस टेरोपस जीनस नाम के एक खास नस्ल से फैलता है.
– ये बीमारी चमगादड़ों से फैलती है. ये वायरस चमगादड़ों के मूत्र में मौजूद रहते हैं.
-जिस किसी को निपोह वायरस इन्फैक्ट करते हैं, उसे बुखार के साथ सिर दर्द, थकान, भटकाव, मेंटल कंफ्यूजन जैसी स्थितियां बनती हैं.
-निपाह वायरस के रोगी 24-48 घंटों के भीतर कोमा में जा सकते हैं. फिर मौत भी हो सकती है.
-इससे ब्रेन में सूजन आ जाती है.
– इसका कोई पुख्ता इलाज नहीं है. अभी तक इसकी कोई वैक्सीन नहीं बनी है.
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