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कांग्रेस नेता कमल नाथ का मोबाइल हैक, काल स्पूफिंग कर साइबर ठगों ने मांगे 10 लाख रुपये!

मध्‍य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमल नाथ के मोबाइल नंबर की काल स्पूफिंग कर साइबर ठगों ने बुधवार को ग्वालियर के कांग्रेस विधायक सतीश सिकरवार सहित चार नेताओं से बुधवार को पांच से 10 लाख रुपये मांग लिए। कमल नाथ के नंबर से फोन कर रुपये मांगे जाने की बात असहज लगने पर इन नेताओं ने वरिष्ठ स्तर पर बातचीत की। तब पता चला कि रुपये एक व्यक्ति से नहीं, बल्कि अलग-अलग लोगों से मांगे जा रहे हैं। सभी ने आपस में बातचीत की और ठगों को जाल में फंसाया।

इन्हीं में से एक नेता ने ठग को श्यामला हिल्स स्थित अपने कार्यालय में बुलाया। यहां दो ठग पहुंचे, जिनकी पहले जमकर पिटाई की गई और बाद में इन्हें क्राइम ब्रांच के हवाले भी कर दिया। हालांकि इन ठगों के तीन साथी भाग निकले। क्राइम ब्रांच दोनों आरोपितों से पूछताछ कर रही है। शुरुआती जांच में मामला काल स्पूफिंग का मानकर पड़ताल की जा रही है। असल में बुधवार को विधानसभा की कार्रवाई अनिश्चितकाल के लिए स्थगित होने के बाद पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ दिल्ली रवाना हो गए। उनके दिल्ली रवाना होने के तत्काल बाद सबसे पहला फोन ग्वालियर के कांग्रेस विधायक सतीश सिकरवार, मप्र कांग्रेस के कोषाध्यक्ष अशोक सिंह, इंदौर शहर कांग्रेस अध्यक्ष एसएस चड्डा और कांग्रेस नेता गोविंद गोयल के पास पहुंचे। कांग्रेस नेता गोविंद गोयल ने बताया कि उनके पास कमल नाथ के नाम से फोन आ रहे थे। उन्होंने शंका होने पर तत्काल कमल नाथ के करीबियों को फोन लगाकर बात की तो मामले में सच्चाई सामने आई कि पूर्व मुख्यमंत्री की ओर से किसी को रुपयों के लिए फोन नहीं किया गया है।

मामले की सच्चाई पता लगने के बाद कांग्रेस नेता गोविंद गोयल ने ठग को वापस फोन किया और कहा कि वह रुपये लेने उनके कार्यालय पर आ जाए। जैसे ही आरोपित सागर परमार और पिंटू परमार युवक वहां पहुंचे, वैसे ही उनको पकड़कर पहले पिटाई की फिर क्राइम ब्रांच को सौंप दिया गया। पुलिस ने बताया है कि दोनों आरोपित मेहसाणा गुजरात के निवासी हैं और हवाला के कारोबार से भी जुड़े हैं। आरोपितों ने फोन इंदौर से किए थे। साइबर एसीपी का कहना है कि जालसाज वीओआइपी बेस्ड साफ्टवेयर का इस्तेमाल करके काल स्पूफिंग कर लेते हैं। जालसाज इस तरीके की मदद से कालर आइडी को मेनूप्लेट करते हैं। इसके बाद जिसके पास काल किया जाता है, उसे किसी भी वीआइपी का नंबर दिखा सकते हैं जबकि वास्तव में काल की लोकेशन कहीं और की भी हो सकती है। स्पूफ कालिंग इंटरनेट के जरिए की जाती है और इसमें आपका वास्तविक नंबर नहीं होता। इसमें मनचाहे नंबर को चुनने और कालर आइडी सेट करने का विकल्प मिलता है।

कुलमिलाकर, देखा जाए तो मध्‍य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमल नाथ के मोबाइल नंबर की काल स्पूफिंग कर साइबर ठगों ने बुधवार को ग्वालियर के कांग्रेस विधायक सतीश सिकरवार सहित चार नेताओं से बुधवार को पांच से 10 लाख रुपये मांग लिए।

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