मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव अब करीब हैं. राहुल गांधी ने युद्धस्तर पर चुनाव प्रचार के लिए कमर कस ली है. मिशन 2018 का बिगुल फूंकने के लिए कांग्रेस कप्तान राहुल लालघाटी से लेकर दशहरा मैदान तक शक्ति प्रदर्शन करेंगे जहां उनके रोड शो में कंग्रेस के नेताओं की एकजुटता भी दिखाने की भरसक कोशिश की जाएगी….कांग्रेस की कमान हाथ मे लेने के बाद राहुल का ये पहला भोपाल दौरा है इससे पहले पीसीसी चीफ कमलनाथ ने मिशन 2018 का वचन पत्र भी तैयार कर लिया जिसे राहुल के सामने पेश किया जाएगा।
राहुल गांधी 17 सितंबर को सुबह 11 बजे विशेष विमान से भोपाल आ रहे हैं। वे एयरपोर्ट से बंद गाड़ी में लालघाटी तक पहुंचेंगे जहां जिला कांग्रेस द्वारा उनका स्वागत किया जाएगा। उनका यहां से 11.30 बजे विशेष बस में रोड शो शुरू होगा जो वीआईपी गेस्ट हाउस से होता हुआ, पुराना सचिवालय, हमीदिया चौराहा, सदर मंजिल, मोती मस्जिद, कमला पार्क, पॉलिटेक्निक चौराहा, रोशनपुरा, अपेक्स बैंक तिराहा, पीसीसी, बोर्ड आफिस, चेतक ब्रिज, आईएसबीटी होता हुआ 12 किलोमीटर की दूरी तय कर भेल दशहरा मैदान पहुंचेगा। यहां राहुल गांधी कार्यकर्ता सम्मेलन को संबोधित करेंगे। सम्मेलन में 15 हजार कार्यकर्ता शामिल होंगे, जिनमें सांसद, पूर्व सांसद, विधायक, पूर्व विधायक, प्रदेश कांग्रेस के पदाधिकारी, प्रदेश की जिला और ग्रामीण कांग्रेस इकाइयों के सभी कार्यकर्ता जुटेंगे।
वीओ- मध्यप्रदेश में चुनावी शंखनाद करने से पहले कांग्रेस सॉफ्ट हिंदुत्व की राह पर चल रही है….चुनाव प्रचार और नतीजों में कोई बाधा ना आए इसके लिए राहुल गांधी मानसरोवर की यात्रा भी कर आए हैं. यानी अब राहुल गांधी के नाम के आगे ‘शिवभक्त’ जुड़ गया है. भोपाल में उनके स्वागत के लिए लगे होर्डिंग्स इस बात के गवाह हैं. बैकग्राउंड में मानसरोवर का चित्र और राहुल गांधी के नाम के आगे ‘शिवभक्त’ वो भी ‘डमरु बंधे त्रिशूल’ के साथ लिखा गया है. यह पहली बार है जब राहुल की पहचान धार्मिक प्रतीक के रूप में बताई जा रही है.
वीओ- दरअसल, राहुल गांधी लंबे समय बाद भोपाल आ रहे हैं. विधानसभा चुनाव के ठीक पहले उनके इस दौरे पर सभी की नजरें टिकी हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जब बोहरा समाज के कार्यक्रम में इंदौर पहुंचे हैं तो उसके साथ राजधानी भोपाल में राहुल गांधी को शिवभक्त के रूप में दिखाया जा रहा है. कल मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अपने घर गणेश प्रतिमा की स्थापना धूमधाम से की है. इसके पहले कांग्रेस के ज्योतिरादित्य सिंधिया और कमलनाथ ने महाकाल दर्शन व अभिषेक किया था. दिग्विजय सिंह पहले ही नर्मदा परिक्रमा कर चुके हैं.
कुल मिलाकर मध्य प्रदेश में कांग्रेस जीत के लिए हिन्दू वोटरों पर फोकस कर रही है जिनके बीच बीजेपी ने उसकी छवि हिन्दू धर्म विरोधी होने की बना दी है….अब देखना होगा कि धर्म की राह पर क्या एमपी का ताज कांग्रेस के सिर पर सजता है। मध्यप्रदेश की ताजातरीन खबरों के लिए जुड़े रहिए एमपी न्यूज़ के साथ
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