बदनावर. मध्य प्रदेश की सियासत में इन दिनों रोज नए सियासी समीकरण बन रहे हैं तो पूराने बिगड़ रहे हैं। कांग्रेस और बीजेपी दोनों दलों में जबरदस्त आंतरिक हलचल मची हुई है। धार जिले की बदनावर विधानसभा सीट भी इन्ही बनते और बिगड़ते समीकरनणों के कारण चर्चाओं में है। बीते दिनों भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय के खिलाफ मोर्चा खोलकर भगवा परिवार में सियासी हड़कंप मचाने वाले पूर्व विधायक भंवर सिंह शेखावत एक बार फिर सुर्खियों में है। इस बार वो बगावती तेवर के लिए नहीं बल्कि अपने धूर विरोधी और शिवराज सरकार में सिंधिया समर्थक कैबिनेट मंत्री राजवर्धन सिंह दत्तीगांव के साथ एक मुलाकात को लेकर चर्चा में हैं। दरअसल दोनों दिग्गज नेता गुरूवार को बदनावर में देखे गए।
कैबिनेट मंत्री राजवर्धन सिंह दत्तीगांव नगर पंचायत के द्वारा आयोजित लोकार्पण व भूमि पूजन कार्यक्रम में सम्मिलित हुए। वहीं पूर्व विधायक भंवर सिंह शेखावत का कार्यकर्ताओ द्वारा जगह जगह जन्म दिवस मनाया गया। इसी क्रम में बदनावर चौपाटी पर स्थित बजरंग ब्ली के मन्दिर पर दोनों महा शक्तियों का मिलन हुए जहां पर कैबिनेट मंत्री राजवर्धन सिंह दत्तीगांव ने पूर्व विधायक भंवर सिंह शेखावत को उनके जन्मदिवस की शुभकामनाएं दी। दोनों नेताओं ने आपस में कुछ देर चर्चा भी की और संदिश दिया कि हम एक हैं। दोनों नेताओं के इस मिलाप का असर कार्यकर्ताओं पर भी दिखा, वो जोश से भऱे हुए नजर आए ।
दरअसल धार में बीजेपी के कद्दावर नेता कहे जाने वाले पूर्व विधायक भंवर सिंह शेखावत सिंधिया गुट के बागी कांग्रेस नेता राजवर्धन सिंह दत्तीगांव के बीजेपी में आने से नाराज थे। पार्टी में मिल रही उनको तवज्जो से शेखावत इस कदर नाराज हुए कि उन्होंने बीजेपी के दिग्गज नेता कैलाश विजयवर्गीय के खिलाफ ही मोर्चा खोल दिया है। हालत ये हो गई है कि बीजेपी के शीर्ष नेतृत्व को बीच – बचाव करने आना पड़ा।
वहीं विपक्ष में बैठी कांग्रेस ये देखकर मन ही मन खुश हो रही थी, उसे उम्मीद थी कि बीजेपी का ये आंतरिक असंतोष उपचुनाव में उसे महंगा पड़ेगा। मगर हालिया घटनाक्रम ने कांग्रेस के अरमानों पर पानी फेर दिया है। दोनों धूर विरोधी नेताओं की इस मुलाकात में कांग्रेस में हल चल मचा दी है। वहीं बीजेपी नेतृत्व इस घटनाक्रम को अपने लिए एक शुभ संकेत के तौर पर देख रहा है।
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