मध्य प्रदेश : एसएएफ जवान सचिन्द्र शर्मा की मौत के मामले में पुलिस गंभीर आरोपों का शिकार हो रही है. 23 जून को सचिन्द्र शर्मा अपनी टीम के साथ चित्रकूट के बटोही जंगल में डकैत बबली कोल की तलाश करने गए थे जहाँ से वे लापता हो गए थे. इसके बाद 24 जून को सर्चिंग के दौरान उनका शव मिला.
शव मिलने के बाद उनका मौत का राज़ और गहराता जा रहा है. मौत के मामले में पुलिस ने जो कहानी मृतक जवान के परिजनों को बताई वह परिजनों के गले से नीचे नहीं उतर रही है. सचिन्द्र के परिजनों ने बताया कि 23 जून को उन्हें सतना बुलाया गया और कहा कि जंगल में सर्चिंग के दौरान सचिन्द्र लापता हो गए थे.
मृतक जवान के परिजनों का आरोप है कि पुलिस तथ्यों को बदल कर पेश कर रही है. परिजनों के अनुसार शहीद सचिन्द्र के सभी साथी अलग अलग बयान दे रहे है जिससे उसकी मौत संदेहास्पद होती जा रही है.
मृतक के बेटे देवेश शर्मा ने कहा कि उनके पिता के शव के पास से राइफल व शरीर से वर्दी, बेल्ट एवं जेब से अन्य सामान गायब मिला. यह सब देख कर उनकी मौत पर संदेह हुआ इसके बाद उनके अन्य जवान साथियों से पूछताछ की गयी. पूछताछ में सभी ने अलग अलग बयान दिए है जिससे सचिन्द्र की मौत के मामले में संदेह गहराता जा रहा है. मृतक के परिजनों ने इसकी शिकायत भिंड एसपी से भी की है.
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