भोपाल|नेता पुत्रो के मनसूबों पर शाह ने फेरा पानी जी हां भोपाल कार्यकर्त्ता सम्मेलन में शाह ने वंशवाद को लेकर दिया बड़ा बयान,जिसके बाद की नेताओ की मनो नींद उड़ गयी है
बीजेपी शुरू से ही कांग्रेस पर वंशवादी राजनीती को लेकर तंज कसने रही है,लेकिन अब भाजपा नेता खुद अब पुत्र मोह में फसती नजर आ रही है ,दरअसल मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव को लेकर सर गर्मिया तेज हो गई है। टिकटों की मारा-मारी के बीच भाजपा के आला नेताओं के सामने वंशवाद की चुनौती खड़ी हो गई है। इस बार टिकट की कतार में कईं दिग्गज नेताओं के बेटे और रिश्तेदार शामिल हो गए है। खासतौर से उम्रदराज नेताओं की बेटे-बेटी और रिश्तेदार टिकट की दावेदारी ज्यादा जता रहे हैं। करीब दो दर्जन बेटा-बेटी औऱ रिश्तेदार टिकट मांग रहे हैं।
इसी बीच पार्टी अध्यक्ष शाह ने बयान ने नेताओं की उम्मीदों पर पानी फेर दिया है। शाह ने वंशवाद को लेकर बड़ा बयान दिया है। शाह ने तो टूक कह दिया चुनाव में टिकट बंटवारे में परिवारवाद नहीं चलेगा। उनका कहना है भाजपा काम करने वाले कार्यकर्ताओं की पार्टी है। भाजपा चाय पिलाकर निस्वार्थ सेवा करने वाले नरेंद्र मोदी और पार्टी के लिए पोस्टर लगाने वाले मुझ जैसे छोटे जमीनी कार्यकर्ता की मेहनत समझती है। पार्टी किसी एक नेता की नहीं हर कार्यकर्ता उसका मालिक है।
आइये जानते है कौन-कौन है नेता पुत्रो को लिस्ट में शुमार
इंदौर सांसद – सुमित्रा महाजन – बेटे मंदार महाजन
राज्यसभा सांसद – प्रभात झा -बेटे तुष्मुल झा
ग्वालियर सांसद -नरेंद्र सिंह तोमर – बेटे- देवेंद्र उर्फ रामू तोमर
सतना सांसद -गणेश सिंह – भाई – उमेश प्रताप सिंह
सागर सांसद – लक्ष्मीनारायण यादव – बेटे – सुधीर यादव
विधायक -कैलाश विजयवर्गीय – बेटे -आकाश विजयवर्गीय
कैैैबिनेट मंत्री -गोपाल भार्गव- बेटे – अभिषेक भार्गव
कैैैबिनेट मंत्री -जयंत मलैया- पुत्र – सिद्धार्थ मलैया
इंदौर महापौर -मालिनी गौड़- बेटे – एकलव्य गौड़
कैैैबिनेट मंत्री- गौरीशंकर शेजवार- बेटे- मुदित शेजवार
कैैैबिनेट मंत्री -माया सिंह- बेटे पीतांबर सिंह
कैैैबिनेट मंत्री रुस्तम सिंह- बेटे- राकेश सिंह
कैैैबिनेट मंत्री- गौरीशंकर बिसेन- बेटी मसौम बिसेन
कैैैबिनेट मंत्री -नरोत्तम मिश्रा -पुत्र- सुकर्ण मिश्रा
यह फेहरिस्त काफी लम्बी है यह तो कुछ मुख्य नाम है,लेकिन शाह के इस बयान के बाद प्रदेश के दर्जनों नेताओं की उम्मीदों पर पानी फिर गया जो इस बार अपने बेटे-बेटी या फिर रिश्तेदार को चुनाव में उतारने की सोच रहे थे।भाजपा सरकार में मंत्री और 22 सांसद या तो खुद के लिए या फिर बेटा-बेटी के लिए टिकट का दावा कर चुके हैं।बहरहाल अब देखना होगा शाह के इस बयान से बाद सियासी समीकरण कैसे बदलते है.
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