भोपाल : शिवराज सिंह चौहान मंत्रिमंडल में जातिगत समीकरणों के आधार पर मंत्री बनाए गए तीन विधायकों को अब भी सुविधाओं की दरकार है. इन नेताओं को मंत्री बने डेढ़ महीने से अधिक का समय बीत चूका है लेकिन सरकारी गाड़ी और मंत्रालय में कक्ष के अलावा उन्हें अब तक कोई सुविधा नहीं मिली है. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बीती तीन फरवरी को अपने मंत्रिमंडल का तीसरी बार विस्तार करते हुए इसमें तीन नए मंत्री शामिल किए थे. इसमें ग्वालियर के नारायण सिंह कुशवाह को कैबिनेट मंत्री, खरगौन के बालकृष्ण पाटीदार और नरसिंहपुर के जालम सिंह पटेल को राज्यमंत्री बनाया गया था.
मंत्री बनने के दो दिन बाद इन मंत्रियों को विभाग दे दिए गए और मंत्रालय में कक्ष आवंटित कर दिया गया पर मंत्री के नाते उन्हें जो बंगला मिलना था वह अब तक अलॉट नहीं हो पाया है. यही नहीं, किसी भी मंत्री को अभी तक मंत्रीस्तर की सुरक्षा व्यवस्था भी मुहैया नहीं कराई गई है. फिलहाल ये मंत्री उन्हीं गनमैन के सहारे हैं जो उन्हें विधायक रहते मिले थे. इसके अलावा स्टाफ में भी अब तक किसी कर्मचारी की नई नियुक्ति नहीं की गई है.
सूत्रों के मुताबिक इन मंत्रियों ने स्टाफ के लिए सामान्य प्रशासन विभाग को पत्र लिखा है. मंत्री चाहते हैं कि चुनाव में अब कम समय बचा है, स्टाफ मिले तो अपने विभाग का काम तेजी से निपटा सके पर फिलहाल ये संभव नहीं हो पा रहा है.
इन मंत्रियों को मंत्री बनने के बाद अभी तक स्टाफ नहीं मिल पाया है. सूत्रों की माने तो इन मंत्रियों के यहां कुछ सरकारी कर्मचारी उनसे पुराने संबंधों के आधार पर काम कर रहे हैं.
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