इंदौर | इंदौर लोकसभा चुनाव से पहले एक बार फिर ताई भाई की अंदरूनी खींचतान सतह पर आ गई है, बीजेपी के प्रबुद्ध वर्ग के सम्मेलन में पोस्टर से कैलाश विजयवर्गीय की फोटो गायब होने से एक बार फिर ताई और भाई के बीच की खाई बढ़ती नजर आ रही है
वाकई भाजपाई लाजवाब हैं मंगलवार शाम को इंदौर में हुए प्रबुद्ध वर्ग के सम्मेलन में जब पोस्टर से बीजेपी महासचिव कैलाश विजयवर्गीय का फोटो गायब था तो ये फिर बीजेपी कार्यकर्ताओं में चर्चा का विषय बन गया । दरअसल, इस सम्मेलन में केन्द्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद,लोकसभा स्पीकर सुमित्रा महाजन बीजेपी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रभात झा के साथ ही इंदौर, खंडवा और खरगोन लोकसभा क्षेत्र के प्रबुद्ध वर्ग के लोग शामिल हुए,लेकिन कैलाश विजयवर्गीय इंदौर में होते हुए भी कार्यक्रम से दूर रहे ही साथ ही पोस्टर से भी गायब दिखाई दिए । जिस पर सांसद सुमित्रा महाजन समेत पार्टा के बड़े नेता सफाई देते नजर आए.
लगता है बीजेपी की शीर्ष राजनीति में ताई और भाई खास महत्व रखते हैं लेकिन मालवा में इन दोनों के बीच राजनीतिक जंग छिड़ी रहती है पिछले दो दशक से वर्चस्व की ये लड़ाई जारी है यही कारण है कि आज इंदौर में हुए प्रबुद्ध वर्ग के सम्मेलन से न केवल भाई यानि कैलाश विजयवर्गीय गायब रहे बल्कि मंच पर लगे बड़े पोस्टर से भी उनकी तस्वीर गायब दिखाई दी जबकि पोस्टर पर पूर्व सीएम शिवराज सिंह चैहान प्रदेशाध्यक्ष राकेश सिंह,नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव के अलावा प्रभात झा की फोटो भी लगी थी लेकिन इनमें से कईयों में कद से ऊपर कैलाश विजयवर्गीय की फोटो न होना चर्चा का विषय बन गया और एक बार फिर ताई भाई की खींचतान सतह पर दिखाई दी,हलांकि बाद में ताई यानि सुमित्रा महाजन और राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रभात झा ने अपनी सफाई दी और पार्टी में सबकुछ ठीक होने का दावा किया ।
बीजेपी के इस सम्मेलन में उद्योगपति,सीए,डॉक्टर, वकील, कला साहित्य, क्रेडाई, खेल और संगीत जगत से जुड़े लोगों ने शिरकत की,लेकिन इंदौर में होते हुए भी इतने बड़े कार्यक्रम में कैलाश विजयवर्गीय का यहां मौजूद न होना और आयोजन से उनकी फोटो तक गायब होना सियासी तनाव की ओर इशारा कर गई हालांकि बाद में आयोजकों ने अपनी गलती मानते हुए इस मामले को देखने की बात कही ।
बहरहाल इंदौर में ताई हमेशा कैलाश विजयवर्गीय की राजनीतिके शैली के खिलाफ मोर्चा खोलती रहीं है विधानसभा चुनाव में इंदौर के टिकटों को लेकर ताई -भाई का झगड़ा अभी पुराना नहीं हुआ था कि एक और मामला सामने आ गया,दरअसल 75 की उम्र पार कर चुकीं ताई इस बार फिर लोकसभा चुनाव में ताल ठोक चुकीं है जबकि इंदौर लोकसभा से चुनाव लड़ने की तैयारी कैलाश विजयवर्गीय लम्बे समय से कर रहे थे यही कारण था कि उन्होने विधानसभा चुनाव लड़ने से इनकार कर दिया था लेकिन ताई के एक बार फिर चुनाव की तैयारी ने कैलाश के मंसूबों पर पानी फेर दिया है जिसके चलते एक बार फिर दोनो के बीच खींचतान शुरू हो गई है ।
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