इंदौर। मत्स्य पालन को लेकर जिले में काफी संभावना है लेकिन किसान इसे लेकर जागरूक नही है। यही वजह है कि अब जिला पंचायत चुनिंदा पंचायतोें में क्लस्टर बेस तालाब बनाकर फिश फार्मिंग के प्रशिक्षण कोर्स चलाने का प्रयोग करने जा रही है ।
बतौर औपचारिकता काम करने वाले सुप्त पड़े मत्स्य विभाग को जिला पंचायत एक फिर सक्रीय कर किसानों की आमदनी बढाने पर विचार कर रहा है। जिला पंचायत ने अपने सर्वे में पाया है कि जिले में फिश फार्मिंग में अधिक संभावनाए मौजूद है लेकिन उनका दोहन नही किया गया है….यही वजह है कि अब मत्स्य विभाग व जिला पंचायत विभाग सामूहिक प्रयासों से एक अनूठा प्रयोग कर किसानों को फिश र्फािर्मंग की संभावनाओे से अवगत कराएगा जिसके तहत जिले के पांच पांच गावोें में क्लस्टर बेस तालाब बनाकर उनमें मछली पालन की व्यवहारिक कार्यशालाएं कर किसानों को फिश र्फािर्मंग के मजबूत आर्थिक पक्ष से अवगत कराया जाएगा।
लेकिन किसानों को प्रशिक्षण देने के पहले खुद के विभाग एवं मत्स्य विभाग को भी प्रशिक्षित करना होगा और इसकी भी शुरूआत जिला पंचायत कार्यलय में कर दी गई है, जल्द ही अन्य प्रशिक्षण कार्यक्रमों की गांवो में मुनादी कर जानकारी दी जाएगी।
आपको बता दे कि आज भी जिले का किसान फिश फार्मिंग व उसके मजबूत आर्थिक पक्ष से अंजान है क्योकी मत्स्य विभाग सिर्फ औपचारिकता निभाने के लिए काम कर रहा है। यही वजह है कि अब जिला पंचायत प्रशिक्षण एवं नए प्रयोग के साथ किसान हित में मत्स्य पालन की गतिविधियों में अपना हस्तक्षेप बढाने वाला है।
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