इंदौर | बिन कुलपति सब सुन, जी हां हम बात कर रहे है देवी अहिल्या विश्वविद्यालय इंदौर की जहां एक पखवाड़ा से अधिक गुजर जाने के बाद भी काम ठप्प और छात्र त्रस्त नजर आ रहे है, जबकि खुद उच्च शिक्षा मंत्री जीतू पटवारी इंदौर से ही है..
ये नजारा देवी अहिल्या विश्वविद्यालय का है जहां सीइटी में अव्यवस्थाओं पर उठे बवाल के बाद राज्य सरकार ने देवी अहिल्या यूनिवर्सिटी में धारा-52 लगा दी, जिससे चलते कुलपति डॉ. नरेंद्र धाकड़ को अपनी कुर्सी खाली करना पड़ी….जब से लेकर आज दिन तक एक पखवाड़ा गुजर जाने के बाद भी छात्रों को अपनी समस्याओं को लेकर दो-दो हाथ करना पढ़ रहे है, कुलपति की गैरमौजूदगी में विश्वविद्यालय प्रशासन की कार्रवाई और दैनिक कामकाज प्रभावित होने लगे हैं…. कुलपति के नहीं होने से मुख्य रूप से यूजी और पीजी के वह छात्र जिन्हें विदेश जाना है या फिर नौकरी करनी है उनको डिग्री नहीं मिल रही है……वहीं सबसे अहम और जरूरी एग्जामिनेशन को लेकर बनाई जाने वाली कमेटी का है जिसमे कुलपति रोल अहम् होता है…लेकिन बिन कुलपति सब सुन हो गया है…..वहीं DAVV के परीक्षा नियंत्रक डॉ अशेष तिवारी से चर्चा की गई तो उन्होंने रूटीन के काम ठीक से चलने की बात कही जिसका पहला और आखिरी कारण है कुलपति का न होना….
कुलपति की गैरमौजूदगी में विश्वविद्यालय प्रशासन की कार्रवाई और दैनिक कामकाज प्रभावित हो रहे रहे है ..जबकि कमलनाथ सरकार के फायरब्रांड मंत्री और उच्च शिक्षा मंत्री जीतू पटवारी खुद इंदौर से है यहाँ तक की उन्होंने ने भी शिक्षा दीक्षा इसी स्कूल से ली है, लेकिन राजभवन और बल्लभ भवन के बिच सहमति नहीं बैठ पाने से DAVV के काम और छात्रों के भविष्य दोनों ही अधर में लटके हुए है..अब सबकों इंतजार है नए कुलपति का…
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